दिनांक 09 अगस्त, 2024 ‘स्वान्तः सुखाय तुलसी’ समारोह सम्पन्न राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उ0प्र0 एवं उ0प्र0 हिन्दी संस्थान द्वारा।

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‘स्वान्तः सुखाय तुलसी’ समारोह सम्पन्न
आज दिनांक 09 अगस्त, 2024 को राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उ0प्र0 एवं उ0प्र0 हिन्दी संस्थान , के संयुक्त तत्वावधान में तुलसी जयन्ती समारोह वर्ष 2024 ‘स्वान्तः सुखाय तुलसी’ का आयोजन उ0प्र0 हिन्दी संस्थान, महात्मागाँधी मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में अध्यक्षता संस्थान के मा0 अध्यक्ष, डॉ० अखिलेश कुमार मिश्रा, आई०ए०एस०, ने की। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मानस मर्मज्ञ डॉ0 शंभुनाथ आई०ए०एस०, पूर्व मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन उपस्थित थे एवं विशिष्ट अतिथि श्री प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव, आई०ए०एस० (सेवानिवृत्त) थे।
माँ शारदे एवं गोस्वामी तुलसीदास का माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर समारोह का आरम्भ किया गया। माँ सरस्वती की वंदना डॉ० शोभा दीक्षित ‘भावना’ द्वारा की गयी। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन उ0प्र0 हिन्दी संस्थान की प्रकाशन अधिकारी डॉ0 अमिता दुबे द्वारा प्रस्तुत किया गया। मंच पर उपस्थित सम्माननीय अतिथियों के माल्यार्पण एवं शाल्यार्पण आदि सम्मान के पश्चात कार्यकम/संस्थान का संक्षिप्त विवरण डॉ० सीमा गुप्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात श्री सुशील चन्द श्रीवास्तव, डॉ० सरला अस्माँ, श्री विजय त्रिपाठी, पं० आदित्य द्विवेदी एवं श्री गिरिजाशंकर दुबे ‘गिरिजेश’ द्वारा अपने-अपने वक्तव्य एवं काव्यपाठ का भव्यता से प्रस्तुतिकरण करते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी के बारे में अपने-अपने विचार व्यक्त किये गये।
मंचस्थ मनीषी श्री प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव, आई०ए०एस० (सेवानिवृत्त) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला एवं तुलसी कृत रामचरितमानस की युग दर युग प्रासंगिकता पर भी अपने विचार व्यक्त किये।
मुख्य अतिथि डॉ0 शंभुनाथ, आई०ए०एस० (सेवानिवृत्त), पूर्व मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन द्वारा श्रीराम भक्ति धारा के कवि श्री गोस्वामी तुलसीदास पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि तुलसीदास जी ने ही जनमानस को श्रीराम के बारे में परिचित कराया उन्होंने ही श्री राम के विचार एवं आचरण को जनमानस तक पहुँचाया।
अन्त में समारोह के अध्यक्ष डॉ० अखिलेश कुमार मिश्रा, आई०ए०एस० ने अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए कहा कि, गोस्वामी तुलसीदास जी ने माना कि भगवान से मिलने के सेतु के रूप में हनुमान जी ने उनका मार्गदर्शन करते हुए प्रभु श्री राम से चित्रकूट के घाट पर मिलवाया। अतः पवनपुत्र हनुमान जी को श्रीराम चन्द्र जी के अनन्यतम भक्त के रूप में प्रतिष्ठापित करने का कार्य भी गोस्वामी तुलसीदास जी ने किया।
समारोह में राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उ0प्र0 एवं उ0प्र0 हिन्दी संस्थान के सदस्य, पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। इसके पश्चात सभी आगन्तुक अतिथियों/विद्वानों का धन्यवाद ज्ञापन डॉ० दिनेश चन्द्र अवस्थी जी ने किया इसके पश्चात कार्यक्रम समाप्त हुआ।

 

डॉ0 सीमा गुप्ता
महामंत्री

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